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अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण ने दी औद्यानिकी का कायाकल्प करने वाली योजनाओं की जानकारी

लखनऊ। शनिवार 01मार्च 2025 (सूत्र/सूवि /पीआईबी) सूर्य उत्तरायण, फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, बसंत ऋतु २०८१ पिंगल नाम संवत्सर।  प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बी०एल० मीणा ने आयोजित पोस्ट बजट वेबिनार ऑन एग्रिकल्चर एण्ड रूरल प्रॉस्पेरिटी कम्प्रीहेन्सिव प्रोग्राम फॉर वेजिटेबल्स एण्ड फ्रूट्स कार्यक्रम में वर्चुअली प्रतिभाग किया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश में फल, शाकभाजी तथा अन्य औद्यानिक क्रियाकलापों को बढ़ावा देने हेतु किये जा रहे प्रमुख प्रयासों के बारे में कई जानकारियां दीं।

उन्होंने बताया कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा उच्च गुणवत्ता की रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एवं हाईटेक नर्सरी की स्थापना, वन ब्लाक वन क्रॉप पर विशेष जोर एवं विश्व बाजार के अनुरूप उच्च गुणवत्ता बीज के आयात एवं उ०प्र० प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने हेतु राज्य औद्यानिक निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया गया है तथा 165 देशों के राजनयिकों को राज्य में उपलब्ध विविध औद्यानिक उपजों के निर्यात हेतु मांग-पूर्ति के लिए पत्राचार भी किया गया है।

प्रदेश में फल एवं शाकभाजी के 05 सेन्टर ऑफ ऐक्सीलेन्स, 23 मिनी सेन्टर ऑफ ऐक्सीलेन्स एवं मनरेगा से कन्वरजेन्स के माध्यम से हाईटेक नर्सरी स्थापित करायी जा रही हैं, जिससे किसानों को गुणवत्तायुक्त पौध तैयार कर उपलब्ध करायी जायेगी। जनपद हापुड़ एवं कुशीनगर में सेन्टर ऑफ ऐक्सीलेन्स फॉर पोटेटो की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। इंटरनेशनल पोटेटो सेन्टर, लीमा, पेरू का साउथ एशिया केन्द्र के रूप में आगरा, उ०प्र० में नया केन्द्र स्थापित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में औद्यानिकी के विकास हेतु उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उ०प्र० द्वारा केन्या, बेलजियम एवं नीदरलैण्ड के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं। 08 फरवरी, 2025 को राजभवन, लखनऊ में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय आलू क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में, आलू के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु, फ्रेश वेजिटेबल्स एण्ड फ्रूट्स एक्सपोर्ट एसोसिएशन (वाफा), मुम्बई एवं प्रदेश के आलू से सम्बन्धित एफ०पी०ओ० के मध्य 06 एमओयू हस्ताक्षरित किये गये।

प्रदेश में खजूर एवं फूलों के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु क्रमशः जोधपुर विश्वविद्यालय एवं एन०बी०आर०आई० लखनऊ के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किये हैं। प्रदेश में ड्रैगन फ्रूट्स, स्ट्राबेरी, शहद एवं कैक्टस के विकास हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना प्रस्तावित है। प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 संचालित है। प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों के व्यापक अंगीकरण हेतु राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त टॉपअप सहित 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस अवसर निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण वी0बी0 द्विवेदी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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