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सीएसजेएमयू में आयोजित इंटरनैशनल सेमिनार में एआई और रिसर्च के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा

कानपुर नगर। सोमवार 17फरवरी 2025 (सूत्र) सूर्य उत्तरायण, फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष षष्ठी, शिशिर ऋतु २०८१ पिंगल नाम संवत्सर। स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज और फोरम फॉर एडवांस्ड ट्रेनिंग इन एजुकेशन एंड रिसर्च एकेडमी (FATER) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "डिजिटल भविष्य के लिए बहुविषयक अनुसंधान में वैश्विक मुद्दे" पर 29वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें  मुख्य वक्ताओं के सत्र और सांस्कृतिक संध्या का सफलतापूर्वक आयोजन  हुआ। 

सम्मेलन के दूसरे दिन, पोस्टर और पेपर प्रेजेंटेशन सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध शोधकर्ताओं द्वारा मुख्य व्याख्यान दिए गए शामिल थे। सभी वक्ताओं ने अनुसंधान के भविष्य को आकार देने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, नवाचार और विकास को आगे बढ़ाने की इसकी क्षमता को रेखांकित किया। कार्यक्रम में आए हुए विशेषज्ञों ने बताया कि अनुसंधान के लिए भविष्य का रोडमैप एआई के समन्वय से ही विकसित होगा। कार्यक्रम के समापन सत्र में जय.के. एंटरप्राइजेज लिमिटेड, नई दिल्ली के संयुक्त प्रबंध निदेशक श्री पार्थो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति हुए। आधुनिक शिक्षा में पारंपरिक गणितीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वैदिक गणित प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम स्थापित करने के लिए सर पदम पट सिंघानिया शिक्षा केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

नमिता तिवारी एवं डॉ अंजू दीक्षित को सम्मान

सेमिनार में यूक्रेन की जलकृषि राज्य एजेंसी के डॉ यूरी शारिलो पद्धति एवं तकनीकी केंद्र के निदेशक द्वारा उच्च स्तरीय सम्मेलन के आयोजन के लिए संयोजक डॉ नमिता तिवारी एवं डॉ अंजू दीक्षित को प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया। यह पुरस्कार प्रोफेसर नतालिया द्वारा दिया गया।

सांस्कृतिक संध्या का आयोजन 

इस कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय के वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई प्रेक्षाग्रह में संस्कृति संध्या का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने भारत की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता का प्रदर्शन किया, जिसकी शुरुआत गणेश वंदना से हुईऔर राष्ट्र को एक मधुर श्रद्धांजलि व तबला वादन हुआ। शाम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध नृत्यांगना सुधा चंद्रन के प्रेरक जीवन को दर्शाती नृत्य नाटिका थी। सांस्कृतिक सत्र को सभी अंतरराष्ट्रीय मेहमानों से सराहना मिली, जिन्होंने प्रदर्शनों की रचनात्मकता और जीवंतता की प्रशंसा की। इस सम्मेलन में दुनिया भर के विद्वान और शोधकर्ता एक साथ आए, जिससे उपयोगी चर्चाएं और सहयोग बढ़े। कार्यक्रम का समापन स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज की संयोजक और उप निदेशक डॉ. अंजू दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रो आर के द्विवेदी, डॉ धनंजय डे, डॉ डी के सिंह समेत विभिन्न शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।

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