कानपुर नगर। गुरुवार 20फरवरी 2025 (सूत्र) सूर्य उत्तरायण, फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष अष्टमी, शिशिर ऋतु २०८१ पिंगल नाम संवत्सर। प्रयागराज की इस समय विश्व स्तर पर चर्चित है क्योंकि महाकुंभ पर्व चल रहा है। संरक्षण परिवार के सदस्यों व झांसी, लखनऊ, आगरा से आए पारिवारिक सदस्यों भाभी, बड़ी बहनों तथा कानपुर मित्र मंडल के साथ कुंभ जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
सूर्योदय से सूर्यास्त तथा चंद्र दर्शन के समागम में यह यात्रा संपन्न हुई, जिसका अनुभव बहुत ही रोमांचकारी रहा।
दो कारों में यह यात्रा सुबह 6:00 बजे आरंभ हुई और समय से 10:30 बजे तक प्रयागराज की भूमि को स्पर्श करती हुई संगम तट की तरफ बढ़ चली। राह में ना कोई जाम ना कोई झा म ,कोई भी व्यवधान नहीं मिला। वोट क्लब में नौका विहार का आनंद उठाने के पश्चात आर्मी परिसर में स्थित सरस्वती घाट पर दीप प्रज्वलित कर, मनकामेश्वर मंदिर के दर्शन किए। हर हर महादेव के नारो के साथ, किले के अंदर से प्रवेश करके संगम तट की पावन रज को स्पर्श कर प्रणाम किया। त्रिवेणी में पूजन सामग्री व चुनरी चढ़ा कर, आस्था की डुबकी लगाकर, महाकुंभ को सार्थक किया। मेला परिसर का भ्रमण करते हुए पुनः अपनी यात्रा को प्रारंभ कर कानपुर पहुंच यात्रा को विराम दिया।
महाकुंभ में जो श्रद्धा, आस्था और समर्पण का भाव आने वाले यात्रियों, जाने वाले भक्तों में देखने को मिला, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
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