कानपुर नगर। शुक्रवार 14फरवरी 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य उत्तरायण, फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष द्वितीया, शिशिर ऋतु २०८१ पिंगल नाम संवत्सर। भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) एवं अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज (ABVSLS), सी०एस० जे०एम० विश्वविद्यालय, कानपुर दिनांक 21.02.2025 से 23.02.2025 को चतुर्थ एआईयू राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। यहाँ पर भारत के विभिन्न हिस्सों से 70 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को विधिक क्षेत्र में कौशल विकास एवं व्यावसायिक परिपक्वता के संबंध में एक अनूठा मंच प्रदान करना व उन्हें नवीन प्रौद्योगिकियों एवं डीपफेक जैसी तकनीकों से होने वाले अपराधों का सामना करने के लिए तैयार करने हेतु एक आभासी न्यायिक वातावरण प्रदान करना है।
प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्री राजेश बिंदल जी उपस्थिति होंगे साथ ही प्रतियोगिता में देश के प्रमुख विधिक सस्थानों के छात्र/छात्रायें भाग ले रहे हैं, जिनमें मुख्यतः ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, दिल्ली विश्वविद्यालय, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, राजीव गाँधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटियाला, सिंबायोसिस विधि विद्यालय, पुणे, डॉ राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज, लखनऊ विश्वविद्यालय, क्राइस्ट (मान्यताप्राप्त) विश्वविद्यालय, बैंगलोर, डॉ० बी० आर० अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, हरियाणा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय इत्यादि शामिल हैं।
प्रतियोगिता की संरचना एवं पुरस्कारविधिक क्षेत्र के छात्र/छात्राओं को उनके व्यावसायिक जीवन के मार्गदर्शन में यह प्रतियोगिता महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। इस प्रतियोगिता के माध्यम से न केवल उनके ज्ञान का परीक्षण होगा बल्कि उनकी तर्कसंगत सोच एवं विधिक प्रस्तुतिकरण क्षमताओं का भी परीक्षण होगा। यह प्रतियोगिता उनकी अनुसंधानात्मक प्रतिभा को विकसित करने में सहायक होगी।
प्रतियोगिता में विभिन्न पुरस्कार दिए जाएंगे, जिसमें सर्वश्रेष्ठ टीम को रु. 51,000/- के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट, रनर अप टीम को रु 21,000/- के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट, सर्वश्रेष्ठ वक्ता को रु. 5,100/- के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट, सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता को रु 5,100/- के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट एवं सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल को रु. 5.100/- के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा।
प्रतियोगिता की महत्वता एवं उद्देश्य
प्रतियोगिता का प्रमुख विधिक आकर्षण नवीन एआई तकनीकों जैसे डीपफेक का प्रयोग करके किए जाने वाले अपराधों पर आधारित मामलों पर केंद्रित होगा। प्रतियोगिता का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि प्रो० (डॉ०) ऊषा टंडन, कुलपति, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज एवं मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्री राजेश बिंदल, सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली द्वारा किया जाएगा। ऐसा कानपुर शहर एवं छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार होगा कि एक प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पीठासीन न्यायमूर्ति की उपस्थिति दर्ज होगी। ऐसा हमारे कुलपति, प्रो० विनय कुमार पाठक जी के अनुभवी नेतृत्व के कारण ही संभव हो सका है। साथ ही उद्घाटन समारोह में प्रमुख विधि विद्वानों एवं न्यायाधीशों की उपस्थिति अपेक्षित है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के माननीय कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक जी ने भी इस संदर्भ में अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ एवं विश्वविद्यालय के विधि विभाग के द्वारा राष्ट्रीय स्तर की मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन निश्चित ही एक मील का पत्थर साबित होगा, साथ ही साथ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त विधि महाविद्यालयों को दिशा-निर्देशित करने वाला कदम भी होगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व० श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित है जोकि एक प्रखर वक्ता एवं कुशल शासक थे। हमें उनके आदर्शों पर चलकर इस संस्थान को ऊँचाइयों पर ले जाना है। कुलपति जी लगातार संस्थान को आगे ले जाने एवं इसे नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में नए ऊँचाइयों तक ले जाने हेतु प्रयासरत हैं।
विभाग के निदेशक डॉ० शशिकांत त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता का महत्व एवं इसकी उपयोगिता बताते हुये कहा कि मूट कोर्ट कानून के छात्रों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण शैक्षिक गतिविधि है जो उन्हें न्यायालय की कार्यप्रणाली और कानूनी प्रक्रियाओं को समझने का अवसर प्रदान करती है। मूट कोर्ट में भाग लेने से छात्रों को कानून के व्यावहारिक पक्ष को समझने का मौका मिलता है। वे केस लॉ, विधिक प्रावधानों और तर्कशास्त्र का प्रयोग करते हुए कोर्ट में प्रस्तुतियों देने का अभ्यास करते हैं। मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं छात्रों की गहन कानूनी शोध करने और जटिल कानूनी मुद्दों पर तर्क विकसित करने में मदद करती हैं। यह उनके कानूनी अनुसंधान और लेखन कौशल को प्रखर बनाती है। मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में छात्रों को टीम के साथ काम करना पड़ता है. जिससे उनमें नेतृत्व और टीमवर्क के गुण विकसित होते हैं। मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को बड़े कानून फर्मों और कानूनी संगठनों द्वारा ध्यान में रखा जाता है। यह उनके करियर को मजबूत बनाने में सहायक होता है। अतः इस प्रकार का आयोजन विभाग में होते रहने चाहिए।
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