दिन की शुरुआत स्वयंसेवकों द्वारा एनएसएस लक्ष्य गीत के सामूहिक गान से हुई। तत्पश्चात, दिन के पहले सत्र की शुरुआत की गई जिसमें सभी स्वयंसेवकों को दो समूहों में बांटा गया। एक समूह द्वारा गांव के प्राथमिक विद्यालय के निरीक्षण का कार्य किया गया एवं वहां स्वच्छता अभियान भी चलाया गया जिसमें सभी स्वयंसेवकों ने अपना श्रमदान दिया।वही दूसरे समूह ने भी पूरे उत्साह से गांव के मंदिरों की साफ- सफाई कर ग्रामवासियों को स्वच्छता का संदेश दिया, जिसमें सभी स्वयंसेवको में समाज को बदलने के जोश की झलक साफ देखने को मिली।
शिविर के द्वितीय सत्र में बौद्धिक सत्र एवं प्रेरणादायक संवाद का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में रहे विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनुराधा कालानी एवं डॉ० विमल सिंह के आशीर्वचन एनएसएस के स्वयंसेवकों को प्राप्त हुए।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मानस उपाध्याय द्वारा मुख्य अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। डॉ अनुराधा कालानी जी ने सभी स्वयंसेवकों को संक्रामक बीमारियों एवं स्वास्थ्य बेहतर रखने के उपायों पर व्याख्यान देकर उन्हें सामाजिक सेवा,स्वास्थ्य एवं सफाई के प्रति और अधिक जागरूक किया एवं डॉ० विमल सिंह जी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में शिक्षा व समाज के अंतर्संबंध, सतत् विकास एवं साक्षरता के बारे में बताकर बच्चों को भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के समापन में कार्यक्रम अधिकारी डॉ० मानस उपाध्याय जी द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया।
एनएसएस के सभी स्वयंसेवकों ने शिविर में स्वयं से बनाया भोजन ग्रहण किया। इस आयोजन ने स्वयंसेवकों में सामाजिक नेतृत्व एवं सद्व्यवहार के परिप्रेक्ष्य को अपने जीवन में उतारने के लिये प्रेरित किया।
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