कानपुर नगर। शुक्रवार 14फरवरी 2025 (सूत्र) सूर्य उत्तरायण, फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष द्वितीया, शिशिर ऋतु २०८१ पिंगल नाम संवत्सर। “पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय” के तत्वावधान में दिनांक-11 से 14 फरवरी, 2025 तक यशोभूमि, नई दिल्ली में “भारतीय ऊर्जा सप्ताह, 2025” सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। यह गर्व का विषय है कि ऊर्जा के इस विश्वस्तरीय महाकुंभ में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान का प्रतिनिधित्व, संस्थान की निदेशक, प्रो. सीमा परोहा ने किया।
प्रो. परोहा ने बताया कि इस सम्मेलन में विश्व के 120 से अधिक देशों के वैज्ञानिकों, तकनीकविद और अनुसंधानकर्ताओं तथा देश एवं विदेश से पधारे 70000 से अधिक एनर्जी प्रोफेशनल्स ने हिस्सा लिया। इस विशाल विश्वस्तरीय सम्मेलन में देश एवं विदेश की 700 से अधिक नामचीन कंपनियों ने अपने स्टाल के माध्यम से ग्रीन एनर्जी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं।
प्रो.सीमा परोहा ने अवगत कराया कि सम्मेलन में 6000 से अधिक डेलीगेशन ने भाग लिया जिसमें 95 से अधिक सत्रों के दौरान 500 से अधिक विद्वान वक्ताओं द्वारा ऊर्जा संरक्षण, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, परंपरागत ऊर्जा के अतिरिक्त विभिन्न स्त्रोतों से वैकल्पिक ऊर्जा के उत्पादनों की तलाश, इथेनाल उत्पादन में बढ़ोत्तरी, ग्रीन एनर्जी जैसे समीचीन विषयों पर सारगर्भित व्याख्यान दिये गये।
प्रो.परोहा ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा उपयोगकर्ताओं की श्रृंखला को जोड़ने के साथ-साथ सभी देशों को अपनी नवीनतम तकनीकों को एक स्थान पर प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि स्वीट सोरगम की फसल को वर्ष में दो सीजन- (रबी और खरीफ) तैयार किया जा सकता है, साथ ही इसमें गन्ने की फसल से काफी कम पानी की आवश्यकता होती है। अर्थात यह पर्यावरण मित्र फसल है। इसके लिये महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों से लगभग 500 एकड़ में उत्पादन हेतु बातचीत चल रही है। इसकी पेराई चीनी मिल में करने के उपरांत 100 केएलपीडी की डिस्टिलरी में उससे अधिकतम एथेनाल उत्पादन हेतु संभावनायें तलाशी जायेंगीं। इस फसल से उत्पादक किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले इस हेतु एम.एस.पी. तय की जायेगी।
स्वीट सोरगम से इथेनाल उत्पादन के संबंध में आई.आई.एम.आर., हैदराबाद के साथ पांच वर्षीय एवं एडवांटा ग्रुप के साथ एक वर्षीय एम.ओ.यू. किया गया था। इसके तहत संस्थान के लगभग 10 एकड़ फार्म में स्वीट सोरगम की विभिन्न प्रजातियों को उगाकर, पेराई करने पर ज्यादा शीरा देने वाली उन्नत किस्म की प्रजाति और इससे इथेनाल निर्माण हेतु संस्थान में इसका गहन परीक्षण किया गया। यह हर्ष का विषय है कि इस क्षेत्र में संस्थान द्वारा किये गये उत्साहजनक कार्य से प्रभावित होकर पेट्रोलियम के क्षेत्र में बीपीसीएल जैसी दिग्गज नवरत्न कंपनी ने वृहद तौर पर व्यावसायिक उत्पादन करने हेतु राष्ट्रीय शर्करा संस्थान को इस विशद प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन हेतु 14.00 करोड़ रू. दिये जाने का निर्णय लिया है।
सम्मेलन के दौरान शर्करा जगत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान रखने वाले राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर एवं पेट्रोलियम जगत की दिग्गज कंपनी “भारतीय पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि.” के मध्य स्वीट सोरगम से इथेनाल उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण समसामयिक विषय पर एम.ओ.यू. संपन्न हुआ।
उल्लेखनीय है कि संस्थान के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। एम.ओ.यू. में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की तरफ से प्रो.सीमा परोहा ने हस्ताक्षर किये। इस कार्य में संस्थान से डॉ.अनंतलक्ष्मी रंगराजन विटनेस रहीं। भारतीय पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि. की तरफ से श्री एन.चंद्रशेखर, हेड (रिसर्च एवं डेवलपमेंट) ने हस्ताक्षर किये उनके साथ डॉ.जया रावत, महाप्रबंधक एवं डॉ.विवेक राठौर, उप महाप्रबंधक, रिसर्च एवं डेवलपमेंट उपस्थित रहे। इस अवसर पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के माननीय मंत्री श्री हरदीप पुरी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम को सुशोभित किया। श्री पुरी ने कार्य की सराहना करते हुये अपनी शुभकामनायें दीं।
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