- कानपुर के तीन नाट्य कर्मी हुए दिवंगत
- तीन नाट्य संस्थाओं ने श्रद्धांजलि सभा आयोजित की
कानपुर, रविवार 04जून 2023 (सूवि) ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, ग्रीष्म ऋतु २०८० नल नाम संवत्सर। रंगकर्म से जुड़े लोगों के लिए, नाट्य विधा के प्रशंसक दर्शकों के लिए बहुत ही दुखद रहे ये दिन क्योंकि नाटकों के मंचन में आधुनिकीकरण प्रकाश और ध्वनि व्यवस्था के माध्यम से किया जाता है और इसके माहिर रहे पीर गुलाम सिंह नहीं रहे दूसरे दिन मंजुल कपूर और बिनोद भी नहीं रहे। कानपुर के रंगकर्मी मंजुल कपूर मुंबई में नहीं रहे।
कानपुर रंगमंच के दो वरिष्ठ कलाकार और रंगमंच को समर्पित, साथियों का एक के बाद एक का साथ छोड़ना बहुत ही दुखदाई रहा।
आज कानपुर की नाट्य संस्था ने बाल निकुंज में अपने वरिष्ठ साथी रहे दिवंगत कलाकारों को भावभीनी श्रद्धांजलि देखकर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए उपस्थित सभी रंग कर्मियों ने दिवंगत तीनों साथियों को याद किया और उनके योगदान को सराहा।
इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी राधेश्याम दीक्षित जी ने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि पीर गुलाम पढ़े-लिखे नहीं थे लेकिन उनके अंदर वह हुनर था जो शायद ही किसी के पास हो नाटकों के प्रदर्शन में लाइट एंड साउंड के माध्यम से वह जादू फूंक देते थे जो नाटक के संवादों और दृश्य में दर्शक को बड़ी सजीवता से जुड़े रखता था। पीर गुलाम सिंह को उनकी इस अनूठी कला के लिए संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया था।
श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में निर्देशक रतन राठौर के अतिरिक्त सर्वश्री सुनील बाजपाई, श्वेता श्रीवास्तव, श्याम मनोहर, योगेन्द्र श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित थे।
कानपुर की दर्पण संस्था ने आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन नवाबगंज स्थित गुरुकुल आर्ट गैलरी में किया जिसमें संस्था के अध्यक्ष डॉ अभय द्विवेदी महासचिव निष्ठा शर्मा ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा तथा वहां पर उपस्थित सभी रंग कर्मियों ने चित्र पर फूल माला अर्पित किए।निष्ठा शर्मा ने बताया कि पीर गुलाम सिंह दर्पण संस्था से जुड़े हुए थे और उन्होंने नाटकों के लिए लाइट एंड साउंड के माध्यम से जो नयापन दिया है उनके न रहने पर इस कला की जो क्षति हुई है वह कभी नहीं पूरी हो सकती और इस क्षेत्र में उनका योगदान सदा याद रखा जाएगा श्रद्धांजलि सभा में कानपुर रंगमंच परिवार से जुड़े हुए लोग अधिकांशतः उपस्थित रहे।
पृथ्वी रंगमंच ने इसके पूर्व कल शनिवार को ही दिवंगत कलाकारों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन क्रिश्चियन इंटर कॉलेज में किया। इस श्रद्धांजलि सभा में कानपुर के वरिष्ठ कर्मियों ने अपने दिवंगत साथी को श्रद्धांजलि दी साथ ही अनेक रंग कर्मियों ने उनके विषय में अपने संस्मरण को याद किया।महासचिव मोहित बरुआ ने कहा कि हम सभी का शरीर नश्वर है इसलिए कलाकार तो मरता है लेकिन कला नहीं। कला के माध्यम से हम सभी कलाकार हमेशा जीवित रहेंगे। रतन राठौर जी ने कहा कि वह नाटक के निर्देशन की सजीवता को प्रकट करने में ध्वनि और प्रकाश के माध्यम से बहुत ही माहिर थे उनकी कमी तो हम सबको रहेगी। वरिष्ठ रंगकर्मी राधेश्याम दीक्षित ने कहा की पीर गुलाम जी को सर्वप्रथम मैंने ही दर्पण संस्था से जुड़ा और उन्हें काम दिया उन्होंने अपने काम को बड़ी गंभीरता से समझा इसी कारण वह बहुत ही अच्छे प्रकाश और ध्वनि की व्यवस्था के पारंगत हो गये।
addComments
एक टिप्पणी भेजें