- गुरुकुल द्रोणाचार्य से सम्मानित हुए एस0के0 अग्रवाल
- प्रदेश के 17 वरिष्ठ रंगकर्मी पंडित सिद्धेश्वर अवस्थी सम्मान द्वितीय से सम्मानित हुए
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और उनके प्रदर्शन के लिए आर्थिक सहायता देता रहूंगा - इंद्रमोहन रोहतगी
कानपुर, गुरुवार 17मार्च 2022 फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष चतुर्दशी बसंत ऋतु २०७८ आनन्द नाम संवत्सर। अनेक कलाओं के धनी रहे पंडित सिद्धेश्वर अवस्थी की स्मृति में पृथ्वी रंगमंच प्रतिवर्ष पंडित सिद्धेश्वर अवस्थी सम्मान समारोह का आयोजन होली की पूर्व संध्या पर करता है जिसमें अनेक वरिष्ठ कलाकारों को सम्मानित किया जाता है।
इसी क्रम में आज पृथ्वी रंगमंच ने क्राइस्ट चर्च इंटर कॉलेज के ऑडिटोरियम में पंडित सिद्धेश्वर अवस्थी सम्मान द्वितीय का आयोजन किया जिसमें कानपुर तथा लखनऊ के वरिष्ठ कुल 17 कलाकारों को अंग वस्त्र प्रशस्ति पत्र आदि देकर सम्मानित किया गया।सम्मानित होने वाले कलाकारों में जिमी कात्यायन, संजय त्रिपाठी, प्रभु दयाल, संजय खन्ना, प्रवीण अरोड़ा, विशंभर बाजपेई, जबकि राजे खान किसी कारणवश कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके। यद्यपि लखनऊ से आए अमित दीक्षित, राकेश निगम, प्रदीप घोष, संजय देगलूरकर, महर्षि कपूर, सुधीर मुरैया, स्वतंत्र काले, ज्ञानेश्वर मिश्र को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सभी वरिष्ठ कलाकारों ने अपने कला के क्षेत्र में बीते अनुभवों को साझा किया तथा भाव विभोर भी हो गए। लखनऊ से आए अमित दीक्षित ने अपनी कुछ पंक्तियों के माध्यम से सभा में उपस्थित सभी को मोह लिया।
पंक्तियां कुछ इस प्रकार है-मिले आज कलाकार झमाझम होली में, कानपुर में पाया प्यार झमाझम होली में, मुबारक नई सरकार झमाझम होली में, बांटे प्यार झमाझम होली में....
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुनील बाजपाई ने कहा कि इस वर्ष से एक अतिरिक्त सम्मान की प्रथा का शुभारंभ किया गया इस सम्मान का नाम है गुरु द्रोणाचार्य सम्मान। महासचिव मोहित बरुआ ने बताया यह सम्मान शिक्षा जगत में अनूठे योगदान के लिए प्रारंभ किया गया है क्योंकि शिक्षक की समर्पित सेवाओं से बच्चों के भविष्य का निर्माण होता है इसलिए शिक्षक का सम्मान आवश्यक है। यह सम्मान एस0के0 अग्रवाल को इंद्रमोहन रोहतगी द्वारा दिया गया।
कलाप्रेमी तथा शिक्षाविद इंद्रमोहन रोहतगी ने इन प्रयासों की सराहना की और उन्होंने मंच के माध्यम से पुनः घोषणा की कि ऐसे नाटकों के मंचन में, मैं 50% अनुदान देने का वादा निभाऊंगा ताकि हमारे शहर में कला जीवित रहे और सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते रहे साथ ही उन्होंने के कुमार नेब से भी आर्थिक सहयोग की अपेक्षा की, जिस पर उन्होंने स्वीकार करते हुए आभार व्यक्त किया और कलाकारों को आश्वासन दिया कि मैं भी सहयोग करूंगा। के कुमार नेब ने नए कलाकारों को जोड़ने की बात पर बल देते हुए कहा कि यह परंपरा आगे निरन्तर चलती रहे।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंद्रमोहन रोहतगी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में केपी सक्सेना, राधेश्याम दीक्षित, के कुमार नेब, रतन राठौर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सहायक संचालक करते हुए रवि श्रीवास्तव ने कहा मुझे कला क्षेत्र में लाने वाली मेरी पत्नी है मैंने उनसे भी सीखा है। कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ जन लखनऊ और कानपुर से पधारे। कार्यक्रम के अंत में एक होली से संबंधित लघु नाटिका का मंचन नए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। उपस्थित लोगों ने तथा रेखा मिश्रा (जिनके पंडित सिद्धेश्वर अवस्थी फूफा जी थे) और अनीता श्रीवास्तव ने नए कलाकारों को प्रोत्साहित किया।
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